Tuesday, 8 July 2014

तू ही मिलना, तू ही बिछड़ना, तू ही हॅस्ना, तू ही रोना,

तू ही ज़िंदगी, तू ही मौत, खुशी तू और तू ही ग़म 
ज़र्रे ज़र्रे में तू, हर सांस आंस में तू

मीरा कबीर तुलसी तू, नानक राबिया रूमी तू

अश्क तू वर्षा तू दरिया तू झरना तू

आग का शोला हवन की आहूती तू 

अल्लाह खुदा मौला तू, भगवान ईश्वर यीशु तू
सौंधी मिट्टी की खुश्बू तू, सूर्यअस्त की लालिमा तू
दिन तू, रात तू, जुम्मा मंगल हर वार तू,
गुरबत तू दावत तू, जय जय की जैकार तू
 

योग तू, संयोग तू, जीत उसका हार तू

सूर्य का तेज तू, चन्द्रमा की ज्योत्सना तू

तू पूर्णिमा तू अमावस, अमृतवेला की आवाज़ तू,

सुषुम्ना इद पिंगला तू, चाह उसकी हर आह तू,
मोक्ष ज्ञान शक्ति भक्ति, वैराग्य
उसकी मस्ती तू

आगे पीछे उपर नीचे अंदर तू, बाहर तू,
अहसास
तू विश्वास तू, अनाहत की तान तू


लरक्पन का होश तू, जवानी का जोश तू,
लकीरें बदनाम बुढापे की, सिलवटें सफेद चादर की
रतन अशर्फी वस्तु-अमोलक, जनम-जनम की पूँजी तू,
मात-पिता विश्वविधाता, कुछ भी नहीं और सब कुछ तू 

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